ए खुदा मेरे हक में दुआ करने वालो में
इक इनका भी नाम लिख लीजो। आदमी देखने में तो ये भी भला लगता अच्छा ही सोचता होगा।।
ए खुदा मेरी सज़ा मुकरर करने से पहले,
मेरे इन दोस्तों से भी पूछ लीजो।
रकीबों के मुंह से तो दुआ निकली थी,. फिर कौन होगा जो मेरे बारे में बुरा सोचता होगा।।
एक एक करके जब सब कुछ छिनने लगा
मैं बोला एक बार मेरी भी मन्शा पूछ लीजो।
वो जो भीष्मपितामह ने प्राण त्यागे थे,
  वो मेरे बारे में क्या सोचता होगा।।
आज एक ये बात भी जुड़ गयी तेरे फसानों में,
 जिसे याद करके रोया करेंगे हम।
तेरे कमरे में झाड़ू से छिपकली* निकालने के बाद,
तेरे चले जाने के बाद क्या चैन से सोया करेंगे हम।।
*छिपकली तिलचट्टे को खा जाती है। जो लोग दोनो से डरते हैं। थोड़ी इन्तजार करें। तिलचट्टे को खाने के बाद छिपकली खुद ही चली जाएगी। ये डर मेरी बेटी का है
तेरी खुराक भी यहीं है दवा भी यहीं है,
तेरे डर का ईलाज भी यहीं है।
Very well and nice poem,keep it uo👍👍
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Thanx a lot
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Very nice and keep it up!
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Thanx for sharing
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