वो सर्वव्यापी है

ब्रह्म वाक्य क्या है?
जिसमें लेश मात्र भी भ्रम नहीं है।
मूर्ति में प्राण प्रतिष्ठा की है,
वो सर्वव्यापी है कहां नहीं है।

As sure as death…

मुझे केंसर है death certain है,

वो तो पहले भी थी।

ज़िन्दगी uncertain है, ये बात as sure as death है 

वो तो पहले भी थी।

हर आदमी समझा रहा है तसल्ली दे रहा है

झूठ का बोल बाला है,सत्य की जीत नई नहीं है पहले भी थी।

किस्सा किस्सागो और किस्सागोई का

कोई भूखा न सोए, माता रोई,

झूठ सच्च की एक रसोई।

किस्सा किस्सागो और किस्सागोई,

सब यही़ं पकेगा एक रसोई‌‌।

ये जो सच्ची कहानी मैं सुनाने जा रहा हूं ये मैंने नहीं लिखी है पर खैर छोड़ो …..मैं कहानी पर आता हूं।

इस कहानी को संकेतों में जीवित रख रहा हूं जो कि सत्यापित प्रति की मार्फत एक कैप्सूल में बंद करके एक गर्त में दबा दी जाती।  रोचक और अपने फायदे के लिए सच्चा किरदार दफन हो ही गया था और ज़माना अन्जान था‌। 

पर……उस अल्लाह को कौन override कर रहा था…

” सियासत गर अजब चीज है,

पर उसकी नियामत के आगे सब नाचीज़ हैं।”

तो फिर अल्लाह को override कौन कर रहा है…

फिर दो चलचित्र छाए संसार के पटल पर ‘The Kashmir Files” और “Rocketeer” the Nambee effect 

उसके न्याय में देर है अन्धेर नहीं है,

अंत भले का भला कि यही सच्चाई है महज़ कोई कहानी नहीं है।

मैं “मौन” हूं

मैं “मौन” हूं

मेरी ज़बान खींच ली है।

मैं गौण* हूं,

मैं तस्वीर हूं मेरी खुश्बू खींच ली है।

पानी का प्रतिबिंब हूं सरापा** हूं,

तपती धूप ने जैसे साए की सांस भींच ली है।

*अपने मूल अर्थ से भिन्न।

**मृगतृष्णा miraz