चाँद को चाँद कह दिया, उसने सुना ही नहीं,
चन्द्रमुखी नाराज़ है गैर को क्यों चाँद कह दिया।।
पारो को चाँद देव दास में मिला, जब न मिला,
उसने उलाहना भेज शिकायत भरी बदरी से कह दिया।।
जिसके पास न था, उसी के साथ हमेशा रहा,
दिल हमेशा सोचता रहा, मन जब हुआ उठके चल दिया।